पश्चिम
बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से
प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके
सामने प्रस्तुत है रचनाकार अतुल पाठक "धैर्य" की एक कविता जिसका
शीर्षक है “पूनम का चाँद”:
आज पूनम है नज़र आता चाँद,
शरद ऋतु का गज़ब
ढाता चाँद।
कभी घटता तो कभी
बढ़ जाता है,
चन्द्र कलाएँ नित
नई-नई करता है।
पूर्ण चाँद आज की
शाम ही निकल आता है,
सोलह कलाओं की
कला बस इसी रोज़ दिखाता है।
कभी चमकता कभी
मद्धम होता है,
कभी स्याह अंधेरा
करता है।
दुख के बाद सुख
आता है,
जैसे चाँद
अमावस्या के बाद पूर्णिमा लाता है।
आज पूनम है नज़र आता चाँद,