पश्चिम
बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद
पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली
सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत
है। आज आपके सामने प्रस्तुत है
रचनाकार गोपाल कृष्ण पटेल की एक कविता जिसका
शीर्षक है “रोशनी का त्योहार”:
आया है रोशनी का
ये त्योहार,
सुख और समृद्धि
की बहार।
समेट लो सारी खुशियाँ,
अपनो का साथ और
प्यार।।
लक्ष्मी जी
विराजे घर द्वार
जीवन में हो खुशियाँ अपार।
दीपावली पर्व बने यादगार,
सबको मिले खुशियो
का संसार।।
रोशन हुई है नगरी
सारी,
और सारा जग
जगमगाए।
अपने संग सीता मैया को लेके
राम जी अयोध्या धाम आए।।
मुस्कुराते हंसते
दीप जलाना,
जीवन में नए
खुशियों को लाना।
दुख दर्द अपने भूल कर,
मुस्कुराकर सबको
गले लगाना।।
इस दिवाली प्रण
ये लें की,
ज्ञान का प्रकाश
फैलाएँगे।
सबको करेंगे शिक्षित और,
अज्ञानता का
अंधेरा मिटाएँगे।।
भुला दो नफरत
सारी,
दिल से याद रखो
बस प्यार।
बस प्रदूषण मत होने देना,
चाहे दीये जलाओ
हजार।।
समेट लो सारी खुशियाँ,
जीवन में हो खुशियाँ अपार।
दीपावली पर्व बने यादगार,
अपने संग सीता मैया को लेके
राम जी अयोध्या धाम आए।।
दुख दर्द अपने भूल कर,
सबको करेंगे शिक्षित और,
बस प्रदूषण मत होने देना,