पश्चिम
बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से
प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके
सामने प्रस्तुत है रचनाकार ऋषि कुमार दीक्षित की एक कविता जिसका शीर्षक है “अपने बुजुर्ग":
तनिक भर भी न अकड़ होती,
हाथों में जिसके लकड़ होती,
अनुभव की अपनी पकड़ होती।
कहानियां सुना महान बनाते,
प्रेम का साक्षात दर्शन कराते,
जरूरत पर आईना दिखाते,
दुनिया दर्शन का ज्ञान कराते।
आशीष देकर निकलता बोल,
खुश रहने का अद्वितीय मोल,
अपनी उम्र का देकर हवाला
लंबी उम्र की करते प्रार्थना।
भूल गया क्या अब इंसान,
गुरु की शिक्षा का वह ज्ञान
करना बुजुर्गों का सम्मान,
पाओगे सदा आत्मसम्मान।
ऊंचाइयों पर जब पहुंच जाओ
भटक कर अलग राह न बनाओ
बुजुर्गों को भूल उन्हे न सताओ
हमेशा अपना कर्तव्य निभाओ।