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कविता: तू अटल मार्ग पर चलता चल (रंजना मिश्रा, कानपुर, उत्तर प्रदेश)

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के
 "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंससे प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिकाके वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार रंजना मिश्रा की एक कविता  जिसका शीर्षक है “तू अटल मार्ग पर चलता चल”:
 
तू अटल मार्ग पर चलता चल
तू अकथ कहानी कहता चल
 
चाहे जितने कंटक आएं
चाहे जितनी बाधाएं हों
हो ऊंचे पर्वत पर चढ़ना
या टेढ़ी-मेढ़ी राहें हों
ये कदम तेरे न रुकें कभी
बस हर पल यूं ही चलता चल
 
तू अटल मार्ग पर चलता चल
तू अकथ कहानी कहता चल
 
तेरे अदम्य साहस से जब
बाधाएं ये टकराएंगी
तेरा अनिष्ट न कुछ होगा
ये चूर-चूर हो जाएंगी
तू बस आगे को बढ़ता चल
 
तू अटल मार्ग पर चलता चल
तू अकथ कहानी कहता चल
 
उत्साह तेरा निर्बल न हो
संकल्प सदा तू दृढ़ रखना
जब तक न तुझको लक्ष्य मिले
मन को अपने सुदृढ़ रखना
तू लक्ष्य पे दृष्टि रखता चल
 
तू अटल मार्ग पर चलता चल
तू अकथ कहानी कहता चल