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कविता: कभी तो सत्ता के गलियारे से (सोनम प्रजापति, छिबरामऊ, कन्नौज, उत्तर प्रदेश)

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंससे प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिकाके वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार सोनम प्रजापति की एक कविता  जिसका शीर्षक है “कभी तो सत्ता के गलियारे स

 
 
कभी तो सत्ता के गलियारे से
कभी तो राजनीति के द्वारे से
अरे निकलकर तो देखो
कभी तो चकाचौंध के अंधियारे से
कितनी है फैली यहाँ बेरोजगरियाँ
कितनी बढ़ी है यहाँ महँगाईयाँ
अरे तुम्हारा क्या तुमने तो भरा अपना खजाना
और यहाँ हो रही आम आदमी को कितनी परेशानियां
कह तो दिया कि आत्मनिर्भर भारत का है संकल्प तुम्हारा
ऊंचे-ऊंचे शब्दों से रच तो दिया राष्ट्रवाद का एक नारा
लेकिन जरा झांक कर तो देखो उस जनता की तरफ भी
जिसका मुंह बंद कर तुम्हारे ही राजनीतिज्ञ भर रहे हैं बस अपना ही पिटारा ।