पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार एस● के● कपूर "श्री हंस" की एक कविता जिसका शीर्षक है “कॅरोना -- अभी केवल बचाव ही एक इलाज है”:
जान लीजिये कि
अभी भी
कॅरोना के प्रति जंग जारी है।
अभी खूब सावधानी रखिये
कि समय चल रहा भारी है।।
अभी तो केवल बचाव ही
है बस एक मात्र इलाज।
सामाजिक दूरी पालन करिये
जब तक दूर न हो दुश्वारी है।।
कोशिश जारी है बनाने को
दवा टीका वैक्सीन इसकी।
प्राण घातक बीमारी है जाने
कब जान ले ले किसकी।।
निकले केवल आप अभी
मास्क लगा कर ही बाहर।
बस वह ही लापरवाही बरते
कि शामत आई हो जिसकी।।
चुनौती है बहुत बड़ी कि आई
है शताब्दी में केवल इक बार।
परेशानी तो है बहुत मुसीबत
कि जा सकती हर इक द्वार।।
सीखा रहा कॅरोना बहुत कुछ
कोशिश करें जानने शिक्षा की।
बस बच कर रहें इस कॅरोना से
जो बना देती है इक लाचार।।
कॅरोना के प्रति जंग जारी है।
अभी खूब सावधानी रखिये
कि समय चल रहा भारी है।।
अभी तो केवल बचाव ही
है बस एक मात्र इलाज।
सामाजिक दूरी पालन करिये
जब तक दूर न हो दुश्वारी है।।
कोशिश जारी है बनाने को
दवा टीका वैक्सीन इसकी।
प्राण घातक बीमारी है जाने
कब जान ले ले किसकी।।
निकले केवल आप अभी
मास्क लगा कर ही बाहर।
बस वह ही लापरवाही बरते
कि शामत आई हो जिसकी।।
है शताब्दी में केवल इक बार।
परेशानी तो है बहुत मुसीबत
कि जा सकती हर इक द्वार।।
सीखा रहा कॅरोना बहुत कुछ
कोशिश करें जानने शिक्षा की।
बस बच कर रहें इस कॅरोना से
जो बना देती है इक लाचार।।