पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद
पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल
फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत
है। आज
आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार रंजना बरियार की एक कविता जिसका शीर्षक है “नमन तुम्हें है माँ”:
हे श्वेतरूपधरा, वृषभ वाहिनी,
नमन है नमन है नमन तुम्हें है माँ
तेज ह्रदय का माँ तुम्हारे, कर रही
धवल तेरी सम्पूर्ण काया...
छलक रहे हैं तेज तुम्हारे माँ,
नमन है नमन है नमन तुम्हें है माँ
हम सब हैं तेरे ही आसरे माँ,
हम अज्ञानी अगोचर माँ....
नमन है नमन है नमन तुम्हें है माँ
हे पिनाकधारिनी,दुर्गतिनाशिनी,
नमन है नमन है नमन तुम्हें है माँ
नमन है नमन है नमन तुम्हें है माँ