पश्चिम
बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से
प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके
सामने प्रस्तुत है रचनाकार पूजा रॉय की एक कविता जिसका
शीर्षक है “तकदीर बदल गई”:
तुम्हारी तहज़ीब बदल गई,
मेरी तकदीर बदल गई |
जब तुमने चाहा,
मेरे हाथो की लकीर बदल गई |
मैने हर वक्त मांगा तुम्हारा साथ,
तुम्हें लगा मै ही बदल गई |
चाहत मे तुम्हारे मै हर पल रही,
तो तुम्हारे जुदा होने की तरकीब
बदल गई |
तुम्हारे ख्वाब बदल गए,
तुम्हारी आस बदल गई |
तुम्हारे लहजे बदलने से,
मेरी तो हर सांस बदल गई |
तुम्हारी तहज़ीब बदल गई,
मेरी तकदीर बदल गई |
जब तुमने चाहा,
मेरे हाथो की लकीर बदल गई |