पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार कैलाश सराफ "कैलाश" की एक कविता जिसका शीर्षक है “ना देंगे कश्मीर हमारा !!”:
खून से सींचा
कुर्बानी देकर
रंग गुलाबी फूल
हमारा
प्यारा प्यारा
देश हमारा
ना देंगे कश्मीर
हमारा !!
हिंदुस्तां का
तिलक हमारा
भारत मां का मान हमारा,
रक्षा करता जवान
प्यारा !
ना देंगे कश्मीर
हमारा !!
हिम चट्टानों का
द्वार है इसका
चांदी का है आंगन
इसका,
आग का दरिया देश
हमारा
घर नहीं कागज का
हमारा !
ना देंगे कश्मीर
हमारा।।
गुल्ली डंडा का
खेल जो खेले
बंदूकों की गोली
से खेला,
तीर कमान पर सोया
था, वीर जवानों का बचपन सारा !
ना देंगे कश्मीर
हमारा।।
रचा रहा साजिश
परिंदा
पुरा ना होगा
मंसूबा उसका,
चारों दिशा में
गूंजेगा
अखंड भारत का
सपना हमारा !
प्यारा प्यारा
देश हमारा ना देंगे कश्मीर हमारा !!
तलाश करो हर
घुसपैठी को
छू न पाए देश की
अस्मत को।
याद करा दो सन
पैंसठ का नारा
फ़क्र से लहराया
था तिरंगा हमारा।
प्यारा प्यारा
देश हमारा ना देंगे कश्मीर हमारा !!