पश्चिम
बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से
प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके
सामने प्रस्तुत है रचनाकार सलिल सरोज की एक कविता जिसका शीर्षक है “बताओ जरा":
ये हंगामा क्या है, हमें भी बताओ जरा
नाकामी छुपाते हो कैसे, बताओ जरा
तुम तो खुदा के बन्दे हो, सब जानते हैं
इंसाँ को लड़ाते हो कैसे, बताओ जरा
पुलिस,कोर्ट, सदन सब तुम्हारी जेब में
फिर आँसू बहाते हो कैसे, बताओ जरा
गरीब, मजदूर, मजबूर के मसीहा तुम
उन से मुँह चराते हो कैसे, बताओ जरा
रोटी, बेटी, खेती सब गिरवी तुम्हारे पास
सब को बेच आते हो कैसे, बताओ जरा
धर्म, ज्ञान, विज्ञान के बड़े पैरोकार तुम
फिर झूठ बनाते हो कैसे, बताओ जरा