पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार विद्या दास की एक कविता जिसका शीर्षक है “हिन्दी शब्द”:
प्रेमचंद,
भारतेंदु
हिन्दी की पहचान,
हिन्दी से बढे देश की शान।
हिन्दी, हिन्द से हिन्दूस्तान,
स्वर्ण चिड़ियाँ, हिन्दी
अनुष्ठान ।
अंग्रेजी की सॉरी शब्द मन को न
भाता,
हिन्दी के माॅफी शब्द से
दिल बहल जाता ।
हर हिन्दी शब्दों के सामने,
अंग्रेजी शब्द फीका पर जाता ।
माँ शब्द बालक की पहली बोलीं,
हिन्दी से शुरू दादी की लोरी ।
हिन्दी शब्द में विनम्र प्रेम-भाव,
जन-जन मिलकर करें सुझाव ।
हिन्दी भाषा का इतना
मान-समान,
कभी भी न करना अपमान ।
हिन्दी शब्द है, मूल्यवान,
हर तरह से सहज और
सुगम ।