पश्चिम
बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से
प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके
सामने प्रस्तुत है रचनाकार डॉ० सुषमा सिंह की एक कविता जिसका शीर्षक है “हिन्दी”:
भारतीय भाषाओं में हिन्दी है शीर्ष स्थान पर
भारत माँ की बिन्दी है,लगती है शीर्ष स्थान पर ।
वैश्विक संस्कृति की दुहिता है ,भारतेन्दु की माँ है हिन्दी ।
शिव प्रसाद ने उर्दू मिलायी ,लक्ष्मण सिंह ने संस्कृत
लल्लूलाल मिलाते ब्रजबोली ,पंडित सुखलाल पंडिताऊपन।
सदल मिश्र में पूर्वीपन था, द्विवेदी जी ने बहुत सुधारा
सरस्वती पत्रिका निकाली ,भाषा को एक स्वरूप दिया ।
रामचंद्र शुक्ल ने लिखा हिंदी साहित्य का इतिहास
काव्य के अलावा अन्य विधाओं को भी दिया मान ।
कविता ने भी गा प्रकृति गान छायावाद में किया प्रवेश
अंतर्मन की बातें विशेष,जनजागरण हुआ प्रमुख स्वर ।
साधारण जन के दुख दर्द लेकर आया प्रगतिवाद
नई -नई बातें आयीं और नया -नया हुआ शिल्प ।
प्रयोगवाद का आया ज़माना ,छंदमुक्त हुई कविता
गीत पुराना नहीं हुआ ,पर गज़ल नवगीत ने पाँव जमाए ।
ख़ूब लिखी गयीं कहानियाँ और लिखे गए उपन्यास
धीरे- धीरे आए संस्मरण और यात्रा विवरण भी ।
पीछे क्यों रहते रिपोर्ताज ,सामने आयी आत्मकथा
जीवनी ने भी खींचा ध्यान ,लघुकथा ने स्थान बनाया ।
कविता में आए हायकु,तांका,सिदोका और क्षणिका
मोबाइल में देवनागरी और कभी रोमन लिपि ली ।
प्रगति पथ पर बढ़ती निरंतर हिन्दी की यात्रा रही
फ़िल्म और टीवी में आकर जन -जन की प्यारी बनी।


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