पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार डॉ अवधेश कुमार अवध का एक दोहा जिसका शीर्षक है “गुरु महिमा":
गुरु महिमा सबसे
बड़ी, गुरु से बड़ा न कोय l
गुरु बिनु ज्ञान
मिले नहीं, सो गुरु पूजन होय ll
जिनको सच्चा गुरु
मिले, मिले ज्ञान की खान l
गुरु अरु माता एक
सम, दोनों ईश समान ll
गुरु पद रज को
शीश धर, जप लो गुरु का नाम l
बात अवध की मान
लो, सुधरेंगे हर काम ll
जो कुछ सीखे हो
सखे, सब गुरु का ही ज्ञान l
गुरु ही गुण की
खान हैं, लो गुरु को सब मान ll
गुरु को पहले याद
कर, पूजो उनके पाँव l
गुरु की महिमा जो
मिले, मिले परम शुचि ठाँव ll