पश्चिम
बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से
प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके
सामने प्रस्तुत है रचनाकार रश्मि मिश्रा "रश्मि" की एक कविता जिसका
शीर्षक है “क्या, बेटी का मरना बहुत जरूरी है????”:
रक्तबीज से बढ़े दरिंदे
जनता बनी शिखंडी सी
देश मुझे अब तो लगता है
अपराधों की मंडी सी!!
कानून बना गांधारी सा
छतरी दे दी आश्वासन की
हाथ हिला लाचारी का
जब इनका हित होता है
रात में भी दर खुलें कोर्ट के
गजब तमाशा होता है!!!
क्या कानून जरूरी है
बेटी को क्या न्याय की खातिर
मरना बहुत जरूरी है?????
बेटी तो बेटी होती है
नश्तर जब चलते हैं इन पर
पीड़ा सबको ही होती!!
आज खोखले दिखते हैं
कानून, सुरक्षा के प्यादे
दो-दो पैसे में बिकते हैं!!!