पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद
पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल
फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत
है। आज
आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार प्रीति प्रिया की एक कविता जिसका
शीर्षक है “औरतें अजीब होती
हैं!!”:
अक्सर ये सुनती हूं ,
भगवान के लिए भी,
हाँ हो भी क्यूं ना,
घर - परिवार के खातिर,
मां - बाप की इज्जत के लिए ,
पति की खुशी के लिए,
अपने दुख ,दर्द, इक्षाओं को,
बच्चों की परवरिश के लिए,
ता उम्र छोटी छोटी बातों में,
हर कदम पे खुद को ,
एक औरत के किरदार को,
हाँ ये बिल्कुल सच हैं,