पश्चिम
बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से
प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके
सामने प्रस्तुत है रचनाकार योगिता चौरसिया की एक कविता जिसका
शीर्षक है “सोन चेराईया--बिटिया रानी”:
सोन चेराईया बिटिया रानी,अब हो गई बड़ी है।
प्यारी बिटिया समझ की पुड़िया, हो गई बड़ी है।।
याद आता है मुझे तेरा,वो प्यारा सा बचपना।।
बोलने की कोशिश,प्यारा सा वो तुतलाना।।
बाबा की प्यारी भाई की,है दुलारी बिटिया।।
अपनत्व मे त्याग,समर्पण की मूरत हो जाना।।
रूद्र चांमुडा भी बन, काली रूप को धरना।।
फिर त्रिशूल उठा,शोलो पर तब तुझे चलना।।