पश्चिम
बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से
प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके
सामने प्रस्तुत है रचनाकार एस● के● कपूर "श्री हंस" की एक कविता जिसका शीर्षक है “तेरी ही दी खुशियां आती दुगनी वापिस होकर”:
ख़ुशियाँ हर मोड़ पर कि,
बात नहीं ये एक दिन की,
खुशी बसती नहीं कहीं दूर,
तेरे भीतर ही बसेरा इनका,
बांटते रहो और फिर इन्हें,
यही छोटी छोटी खुशियां,
फिर इन खुशियों का तुझे,
निकाल कर लेआ हर बात,
तेरी ही खुशी जान ले कि,
बस अहसास कर महसूस,