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कविता: कपूर हो गए (शिवचरण चौहान, कानपुर, उत्तर प्रदेश)

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के
 "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंससे प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिकाके वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार शिवचरण चौहान  की एक कविता  जिसका शीर्षक है “कपूर हो गए”:

सत्ता मद में चूर हो गए ।
तब से हम मजबूर हो गए।।
कृष्ण बसे मथुरा में जाकर
गोकुल से वह दूर हो गए।।
अच्छे दिन के देखे सपने
आये पास कपूर हो गए।।
पहले तो भाई थे सबके
माई बाप हजूर हो गए।।
छाया फल अब नहीं मिलेंगे
वह तो  ताड खजूर हो गए।।
उठो किसानों अब तो जागो
घाव बड़े नासूर हो गए!!