पश्चिम
बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से
प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके
सामने प्रस्तुत है रचनाकार अर्चना राय "खुराफ़ाती" की एक कविता जिसका
शीर्षक है “तोहफे में ..”:
मैने देखा है
बेहद करीब से
तोहफे में मिले
गुलदस्ते के
हरेक फूल का यों
चहकना
खिली रंगत का यों
दमकना
फिर धीरे - धीरे
मुरझाते हुए
उपेक्षा का मातम
मनाते हुए
तिल - तिल कर दम
तोड़ना
उन्हें कूड़े में
जाकर छोड़ना
तुम मत देना मुझे
वो गुलदस्ता
क्षणिक प्यार, फिर तिरस्कार का।
अगर दे सको तो दे
देना तुम
मुझे कोई नन्हा -
सा पौधा
अगाध प्रेम संग
सम्मान से
जिसके प्रेम
सिक्त पत्तियों को
सदा मैं सींच
सकूं दिलोजान से
फिर प्रस्फुटन हो
ऐसे फूलों का
जो ना यूं ही कभी
मुरझा सके
अद्भुत मिलन हो
ऐसे दिलों का
अमरत्व की गुत्थी
जो सुलझा सके।