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कविता: गम से सामना (पूजा भूषण झा, वैशाली, बिहार)

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंससे प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिकाके वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार पूजा भूषण झा की एक कविता  जिसका शीर्षक है “गम से सामना”:

आज गम से मेरा सामना हो गया

उसने बोला तेरे पास ही आया हूँ

सदा के लिए अब दुःख लाया हूँ।

 

मैने भी हँसके उससे कह -

मुझे तुझसे कोई शिकायत नही,

सदा मेरे पास तु रह सकता है

मेरे दोस्तो मे एक तु भी सही।

 

गम ने कहा बड़ी जिद्दी है तु

बहुत भा गई तेरी बातें मुझे,

वरना मुझे देखते ही सभी

कहते है कोइ तुफां आया है।

 

मेरी और गम की दोस्ती हो गई

रिश्तो के जैसे नीभाने लगे,

अब तो पता कभी चलता नही

कब सुख और कब दुःख आया है।

 

गम ने कहा तुझसा देखा नही

साथी कोई और दुजा यहां,

तु तिनका नही, एक चट्टान है

आज तुझ पे मुझको भी प्यार आया है।

 

जिंदगी का तो यही दो पहलु रहा

कभी सुख आया है, कभी दुःख आया है।