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कविता: शिक्षक (मईनुदीन कोहरी "नाचीज बीकानेरी", मोहल्ला कोहरियान, बीकानेर, राजस्थान)

 


पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंससे प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिकाके वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार मईनुदीन कोहरी "नाचीज बीकानेरी"  की एक कविता  जिसका शीर्षक है “शिक्षक":

मेरे उस्ताद जी मेरे गुरू जी

मुझ पर अनन्त कृपा आपकी

सौम्य अति प्रसन्न रुप आपका

आपके दर्शन ही है सुखकारी ।

 

तुम किसी संत से कम नहीं

आपकी सुन्दर मूरत ही न्यारी

ज्ञान का जो दान देकर मुझे

आपने ही बनाया था संस्कारी ।

 

मेरे मन के विकार सब दूर हुवै

जब से गुरुवर दर्शन लाभ हुवै

धर्म-कर्म दुनियाँ का ज्ञान दिया

जीवन भर का मैं हूँ आभारी ।

 

गुरू-उस्ताद बिन ज्ञान अधूरा

इनकी कृपा से ही जीवन पूरा

सृष्टि की अतुल्य निधि हो आप

"नाचीज" की नैया आपने तारी ।