पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार सरिता श्रीवास्तव की एक कविता जिसका शीर्षक है “झूठ-सच":
झूठ वो जो आँखें चुराए
सच वो जो आँखें मिलाये
झूठ वो जो हिचकिचाये
सच वो जो बेझिझक चिल्लाये
झूठ वो जो बहाने बनाये
सच वो जो सामने आये
झूठ वो जो छुपाये
सच वो जो दिखाये
झूठ वो जो पर्दा डाले
सच वो जो आईना दिखाये
झूठ वो जो भागते फिरे
सच वो जो सामना करे
झूठ वो जो अहंकार करे
सच वो जो अभिमान कर
झूठ वो जो तुरन्त बदल जाये
सच वो जरा ना डगमगाये
झूठ वो जो रची जाये
सच वो जो अमिट हो
झूठ वो जो तथ्य दे
सच वो जो साक्ष्य हो।।