पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी
जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका
स्वागत है। आज
आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार नीलू गुप्ता की एक कविता जिसका शीर्षक है “हिंदी भाषा है हमारी
जान”:
अपनी अस्मिता,
अपनी पहचान
हिंदी भाषा ही है हमारी जान,
बिना इसके न है वजूद हमारा
इसे छोड़, अन्य भाषाएं मुझे न गंवारा।
गर्व है मुझे कि मैं हिंदी भाषी हूं
अभिमान है मुझे कि मैं हिन्दुस्तानी हूं,
इसके रंग में रंगी रहूं, यही कामना है
ढलूं इसके साज में, यही प्रार्थना है।
मातृभाषा, राष्ट्रभाषा, राजभाषा के रूप में
सम्मानीय है यह भाषा हमारी,
अभिव्यक्ति का सरल और सुगम माध्यम
है यह हमारे अस्तित्व की निशानी।
माना कि रोजगार पाने के लिए
अन्य भाषाएं अपनाना है जरूरी,
पर ध्यान रहें,
अपनी मातृभाषा के प्रति
मन में कभी न आने पाए दूरी।
हिंदी का उत्थान है हमारा कर्त्तव्य
अपनी संस्कृति को बचाना है हमारा धर्म,
हिंदी से ही कायम होगी देश में एकता
हिंदी से ही पूर्ण होगी जीवन की परिभाषा।
।। आप सभी को हिंदी दिवस की
हार्दिक शुभकामनाएँ ।।