पश्चिम
बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से
प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके
सामने प्रस्तुत है रचनाकार जुली शर्मा की एक कविता जिसका शीर्षक है “अस्तित्व की तलाश”:
खो गई हूँ 'मैं',
न जाने किस जहां में,
खुद से खुद की ही,
पहचान भूल गई 'मैं'!
न कोई चाहत है,
न कोई उम्मीद है!
जीने की वजह भी,
कहीं खो सी गई है!
मैंने जिसे अपना सबकुछ माना,
उसके लिए तो मैं कुछ भी नहीं!
कौन हूँ 'मैं'? क्या है' पहचान'मेरी?
खुद से यही सवाल करती 'मैं'!
अस्तित्व की लडाई में उलझी 'मैं'
संघर्षमयी जीवन जी रही 'मैं'!
अपनेपन की चाहत में हर किसी को अपनाया,
पर कहीं से भी अपनापन न मिला!
कौन हूँ 'मैं'? क्या हैं 'पहचान' मेरी,
खुद से यही सवाल करती 'मैं'?
अपने अस्तित्व की तलाश करती 'मैं'!