पश्चिम
बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से
प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके
सामने प्रस्तुत है रचनाकार गुड़िया कुमारी की एक कविता जिसका शीर्षक है “सफलता तुझे अवश्य मिलेगी”:
ये मेरा मन क्यों हो रहा है
तू व्याकुल,
ये मेरे जीवन क्यों है तू मरने
के लिए आतुर,
जरा ठहर जा
अभी तो तुझे फूलों और बहारों
के संग हँसना है,
अभी तो तुझे इतिहास रचना है...!!
माना कि तू अभी परेशानियों
से गुजर रहा है ,
इन परेशानियों से तो तू
और भी सँवर रहा है,
यह जो तू अपनी ही कलम से अपना दर्द
लिख रहा है ना ,
समझ ले तू इतिहास रच रहा है...!!
सुख और दुःख तो हर किसी
के जीवन का हिस्सा है,
दुःख से डर कर तू खुद
को खत्म कर देगा ,
क्या यही तेरे जीवन का
किस्सा होगा ,
अगर तू अभी दुःखों का कर्जदार है ,
तो फिक्र मत कर
कभी इतिहास के पन्नों का
तू भी हकदार होगा ...!!
तू चल ,बिना किसी चिंता
के बढ़ते चल,
सफलता अवश्य मिलेगी
चाहे आज मिले या कल।।।
तू व्याकुल,
के लिए आतुर,
अभी तो तुझे फूलों और बहारों
के संग हँसना है,
से गुजर रहा है ,
और भी सँवर रहा है,
के जीवन का हिस्सा है,
को खत्म कर देगा ,
किस्सा होगा ,
कभी इतिहास के पन्नों का
तू भी हकदार होगा ...!!
के बढ़ते चल,
चाहे आज मिले या कल।।।