पश्चिम
बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से
प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके
सामने प्रस्तुत है रचनाकार रोजिना छेत्री की एक कविता जिसका शीर्षक है “हौसला एक नारी का”:
कैसे होगी परवरिश
एक अबला नारी
सोचती है नन्ही सी
जान को देख कर
क्यूंकि उनके पास
ना तो छत
ना तो अपने
बिखरे से सपने
फिर भी ना जाने
मनोबल है इतना कि
खुद को बुलंद करेगी
और इतनी शक्ति देगी वह
उस जान को की
टूटे अरमान फिर से समेटेगी
चाहे कितनी आए पहलवान हो
वो लड़ेगी खुद से
खुद के लिए और खुद में
दुख हो या सुख हो
या गिरे प्रलय का पहल हो
वह ना टूटेगी ना गिरेगी
क्यूंकि वह है आज के युग
की शशक्त नारी....