पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार डॉ• निशा पारीक की एक कविता जिसका शीर्षक है “सौदा”:
नेह का सौदा है दुनिया,
प्रेम का अभिशाप है |
दूरियाँ मन में है लेकिन,
रिश्तो का आगाज है ||
खुद सँभाले बढ़के पहले,
अधिक मनुहार दुनिया है|
खुद ही तोडे साथ सुहाना,
खुद गर्जी ये दुनिया है ||
ऑसू मिलते सच्चे ह्रदय को,
बेदर्दी आनन्द मनाते है |
तोड किसी का साथ पल में,
नयी दुनिया सजाते हैं||
खुश किस्मत ह्रदय बिन इंसा,
रोज बिछडते मिलते है |
मातम में मिलते है ऐसे,
जैसे खुशी की रात है ||
दर्द ह्रदय का छुपा सका तू,
दर्द नहीं वो सच्चा है |
जीवन देकर प्रेम सँभाले,
वही एक रिश्ता पक्का है ||