पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद
पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल
फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत
है। आज
आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार सुष्मिता गुप्ता की एक कविता जिसका शीर्षक है “मां”:
किसी के लिए
अल्लाह है, किसी के लिए राम .....
पर मेरे खातिर तो, मेरी मां ही है चारों धाम
......
जब आंख खुली तो, मेरी मां की गोद ही थी मेरी पहली पहचान ......
उनका आंचल मेरे
सुकुन का सहारा है,
उनका आशीर्वाद
मुझे जन्नत से प्यारा है ....
उनके चेहरे पर
खुशी देख,
चेहरा मेरा खिल
जाता है .....
जब भी मैं किसी
उलझन में पड़ती हुं,
वह मेरे हर उलझन
को सुलझाती हैं ......
मेरे सारे प्रशनो
का उत्तर,
वह तुरंत दे जाती
हैं ।