पश्चिम
बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से
प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके
सामने प्रस्तुत है रचनाकार मनीषा सिंह की एक कविता जिसका
शीर्षक है “यह वक्त”:
यह वक्त भी गुजर जाएगा,
भरोसा रख यह
तूफान भी थम जाएगा,
माना के बहुत
तकलीफ़ हो रही है तुझे,
पर डर मत !
खुशियों का ठिकाना भी मिल जाएगा,
मेहनत के चूल्हे
पर सपने को हकीकत बना,
कोशिश तो कर, मुकद्दर खुद गुलाम बन जाएगा,
सोच ज़रा जब इस
कशमकश से निकलकर तू पीछे मुड़कर देखेगा,
शायद खुद की
एहमियत तब कहीं तू जान जाएगा,
और यह जो बदल रहे
हैं हर रोज़ चेहरे,
तू फ़िक्र ना कर, इन के होंठों पर भी कल तेरा नाम बस जाएगा,
ठुकराने दें उन
लोगों को, जितना उन्हें ठुकराना हैं,
तू तो सूरज हैं, अंधेरा चिर कर छा जाएगा,
यह वक्त भी गुजर
जाएगा,
भरोसा रख, यह तुफान भी थम जाएगा ..।
यह वक्त भी गुजर जाएगा,