पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद
पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल
फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत
है। आज
आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार रविकान्त सनाढ्य की एक कविता जिसका
शीर्षक है “हमें जीवन में
क्या तलाशना है ? ”:
अगर तलाशना है
जीवन में कुछ
तो प्रेम तलाशिए !
शुष्क मरुस्थल !
की विधियाँ तलाशिए !
कितने सुन्दर रंगो मे
खिलता है वन में पलाश !
उमंग की तलाश !
पैदा कीजिए आशा का प्रकाश !
हैवानियत का तभी होगा नाश
जब इंसान को इंसान समझ
संवेदनाएँ तलाशिए !
हे प्रकाश के अमृतपुत्र ,
संभावनाओं को तलाशिए !
चीन्हेगी ।