पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार सन्धया पाण्डेय की एक लघुकथा जिसका शीर्षक है "प्रतीक्षा":
प्राथमिक शाला में पढ़ने वाली निशा को प्रतिवर्ष वर्षा काल का इन्तजार रहता था।दरअसल वहाँ के प्रधनाध्यपक बडे दयालु थे।वे प्रतिवर्ष उनकी शाला में गरीब बालिकाओं के लिए एक प्रतियोगिताआयोजित करते थे। उसमें से जो बालिका प्रथम आती उसे कुछ नकद, जूते, कपड़े,छाता, बरसाती और शाला की किताब बस्ते सहित देते थे। इसबार पूरा का पूरा सामान किसी एक प्रतिभागी को मिलने वाला था। निशा बहुत मेहनत कर रही थी।इस बार की वर्षाऋतु उसके लिए आशाओं, उम्मीदों, आकांक्षाओ की थी। इस बार आचार्य जी ने निबंध प्रतियोगिता रखी थी।। निशा प्रथम आई। पूरे 2 साल की मेहनत रंग लायी थी।शाला प्रांगण में निशा का नाम पुकारा गया। पूरी शाला तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठी।। निशा ईनाम की राशि लेकर दौड़ती हुई घर जा रही थी। वो सोच रही थीं कि अब पहली बार वो अच्छे कपड़े,जूते,बरसाती पहनकर शाला आएगी।छाता अपनी माँ को दे देगी ताकि वो काम पर जाते समय भीगे ना, पैसे बाबा को दे देगी ताकि वो घर की छत ठीक कटवा लेंगे।बस्ता भाई के लिए हो जाएगा।। जिसकी निशा प्रतीक्षा कर रही थी वो वर्षा ऋतु इस बार आई है। घर मे निशा की उपलब्धि पर सब खुश थे।