पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार “राधा शर्मा” की एक कविता जिसका शीर्षक है “मैं नारी हुँ”:
मैं नारी हुँ
मेरी लड़ाई अब भी जारी है
उन मानसिक रोगियों से
जो समझते है की
नारी सजावट है, नारी सुन्दरता है
नारी ही तो है जो पुरुषो की सेवा करने आयी है
नारी ही तो है जो बोझ है धरती पर
मैं नारी हुँ
मेरी लड़ाई अब भी जारी है
उन कुप्रथाओं से
अब भी जहाँ पैसो से तौली जाती बिटिया है
जहाँ अब भी घूँघट मे कैद बहुऐ है
मै नारी हुँ
मेरी लड़ाई अब भी जारी है
जहाँ शिक्षा को दबाकर
बेलन पकड़ाया जाता है
जहाँ बच्ची को बचपन से ही तहजीब सिखाया जाता है
बचपन को कुचलकर जिम्मेदारी सिखाई जाती है
जहाँ बेटी को बेचकर पिता अपना पेट भरा है
मैं नारी हुँ
मेरी लड़ाई अब भी जारी है।