पश्चिम
बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से
प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके
सामने प्रस्तुत है रचनाकार “राजीव रंजन” की
एक कविता जिसका
शीर्षक है “बचपन की यादें”:
बचपन बड़ा सुहाना था,वो भी अलग जमाना था।
कभी अंटा कभी गील्ली-डंडा कभी लट्टू नचाते थे,
विद्यालय पढ़ने जाते थे मिलजुल कर सब साथ में,
यौवन आता मदमाता बचपन गुम हो जाता है,