पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार शमा जैन सिघंल की एक लघुकथा जिसका शीर्षक है “गुमशुदा":
एक वृद्ध व्यक्ति
हर रोज अखबार की दुकान पर जाता और सारे अखबार खरीद कर वहीं दुकान के बाहर बैठ कर
पढ़ता, वह प्रतिदिन ऐसा ही करता, उसे ऐसा करते पूरा एक साल
हो गया था। हर रोज की तरह वो आज भी दुकान पर आया अखबार लिए और पढ़ने लगा हर अखबार
को जिज्ञासा वश उलट -पलट कर देखता और रख देता। आज दुकान दार अपने आप को रोक नहीं
पाया उसने उस वृद्ध से पूछ ही लिया आप
प्रतिदिन अखबार में क्या ढूंढते हो,
वृद्ध ने कहा अपना फोटो
। आश्चर्य से दुकान दार ने कहा क्या ॽ आप
का फोटो अखबार में भला क्यों छपेगा ॽ तब वृद्ध ने कहा नहीं मैं तो गुमशुदगी के
काॅलम में अपनी फोटो ढूंढता हूं शायद किसी ने कहीं छपवाई हो । दुकानदार आश्चर्य
चकित रह गया।