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कविता: मैं एक शिक्षक हूं (सुभम प्रसाद, चम्पागुड़ी बाजार, नागराकाटा, जलपाईगुड़ी, पश्चिम बंगाल)

 

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंससे प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिकाके वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार सुभम प्रसाद की एक कविता  जिसका शीर्षक है “मैं एक शिक्षक हूं":

ना मैं कलम हूं
जो किसी को लिख सकूं,
ना मैं किताब हूं
जो मुझे कोई पढ़ सकें,
ना मैं बही हूं
जो मुझमें कुछ उतार सकों,
ना ही मैं विद्यालय हूं
जो सबको समेट सकूं,
ना ही मैं भगवान
जो मुझे कोई पुजैं,
और ना ही मैं वो ज्ञान हूं
जो मुझे कोई पा सकें,
मैं वो रबड़ हूं जो
किसी की गलतियां सुधार सकूं,
मैं वो कुम्हार हूं!
जिसकी इच्छा कहो या विचार
जो किसी के जीवन को
गढ़ सकूं।
क्योंकि मैं एक शिक्षक हूं।