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कविता: हिंदी से हिंदुस्तान है.... (विनीता सिंह चौहान, इंदौर, मध्यप्रदेश )

 

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंससे प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिकाके वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार विनीता सिंह चौहान की एक कविता  जिसका शीर्षक है “हिंदी से हिंदुस्तान है....:

हिंदी भारत की शान है,
हिंदी हमारी पहचान है,
हिंदी वंदेमातरम का गान है,
हिंदी भारत मां की शान है।
हिंदी से हिंदुस्तान है....
 
हिंदी देश के तिरंगे की शान है ।
हिंदी में वेद पुराण गीता कुरान है।
हर दिल देता हिंदी को सम्मान है।
हिंदी से ही राष्ट्र का उत्थान है।
हिंदी से हिंदुस्तान है....
 
हिंदी भाषा की मिठास है,
हिंदी सबके दिलों की आस है,
हिंदी में ईश्वर का वास है,
तभी हिंदी बहुत ही खास है
हिंदी से हिंदुस्तान है.....
 
हिंदी राष्ट्र की शक्ति है।
हिंदी देशवासियों की भक्ति है।
हिंदी हर दिल की अनुरक्ति है।
हिंदी भावों की अभिव्यक्ति है।
हिंदी से हिंदुस्तान है.....
 
हिंदी एक संपूर्ण विचार है।
हिंदी पर सबका अधिकार है।
हिंदी सहज सरल स्वीकार है।
इससे झंकृत होते वीणा के तार हैं।
हिंदी से हिंदुस्तान है.....
 
हिंदी सनातन संस्कृति,
हिंदी आदि अनादि अनंत है।
हिंदी में ही वेद पुराण,
तप करते ऋषि मुनि, संत हैं।
हिंदी भाषा सनातन है,
हिंदी से ही उपजे सारे पंत हैं।
हिंदी का रोचक इतिहास है।
हिंदी में ही प्रसंग व किवदंत है।
हिंदी आदि अनादि अनंत है।
हिंदी आदि अनादि जयंत है।
हिंदी से हिंदुस्तान है.....
 
अंग्रेजीएत के प्रभाव में आकर,
देश में घट रहा हिंदी का मोल है।
अंग्रेजी की बस 26 वर्णमाला,
हिंदी में होते दोहरे बोल हैं।
हिंदी की 52 वर्णमाला और
व्याकरण तो वृहद व अनमोल है।
अंग्रेजीएत के प्रभाव में आकर,
हो रही हिंदी की स्थिति डांवाडोल है।
अब नई पीढ़ी की हाथों में ही,
हिंदी की कमान और डोर है।
हिंदी भाषा भाषी महान है....
हिंदी से हिंदुस्तान है.....
 
 
हिंदी दिवस पर बस यही संदेश,
हिंदी का अस्तित्व बचाओ।
राष्ट्रभाषा है अपनी हिंदी
विश्व स्तर पर भी इसे अपनाओ।
बहुभाषी , धर्मनिरपेक्ष मेरा देश,
हिंदी को जन जन तक पहुंचाओ।
हिंदी भाषा भाषी महान है....
हिंदी से हिंदुस्तान है.....

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