पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार राधा गोयल की एक कहानी जिसका शीर्षक है “आँखिन देखी":
कश्मीर यात्रा का
एक बेहद खट्टा यादगार संस्मरण
हम वायुयान से गये थे और सीधे लालचौक स्थित होटल पाईन में ठहरे जो किसी कश्मीरी पंडित मिस्टर कौल व अब्दुल राशिद का था।प्रतिदिन का किराया 500 रूपये था, जिसमें नाश्ता, चाय या खाना शामिल नहीं था।कुछ निम्न ढ़ाबे टूरिस्ट सैण्टर के पास थे
रतन पंजाबी ढ़ाबा
न्यू इण्डिया रेस्तराँ
Manager Tourist Services J&K SRTC, (Tourist reception Center Srinagar)
J&K स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन की डीलक्स बस से 5/4/2005 को श्रीनगर से पहलगाँव गये।प्रति यात्री 145 रुपये का टिकिट था।उसके बाद अनन्तनाग,गुलमर्ग
गुलमर्ग में हिंडोले का लुत्फ भी उठाया।आठ मिनट आने जाने में लगते हैं। उस समय प्रति यात्री किराया 150 रूपये था।
खीरभवानी मन्दिर
शंकराचार्य मन्दिर
निशात व शालीमार
हजरतबल देखा।
Department of Floriculture की बस द्वारा मुगलगार्डन व चश्मेशाही देखा किराया पाँच रुपये प्रति व्यक्ति था
जीवन उसका पानी है
पानी में डालो, जी जाएगी
बाहर निकालो मर जाएगी