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कविता: वो पहला इश्क (नीलम सिंह, आसनसोल, पश्चिम बंगाल)

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के
 "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंससे प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिकाके वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार नीलम सिंह की एक कविता  जिसका शीर्षक है “वो पहला इश्क”:

वो धड़का था जो दिल फिर से क्यों नहीं धड़कता,
वो मुस्कुराता था जो चेहरा फिर से क्यों नहीं मुस्कुराता।
वो ख्वाबों में किसी का आना फिर से क्यों नहीं होता,
वो पहली बार वाला इश्क फिर से क्यों नहीं हो पाता।
वो पहली बार वाला इश्क फिर से क्यों नहीं हो पाता।
 
वो अनछुआ सा एहसास फिर से क्यों नहीं मिल पाता,
वो मासूमियत भरा अंदाज फिर से क्यों नहीं कहीं दिखता।
वो हर पहर यादों का कारवां फिर से क्यों नहीं संग रहता,
वो पहली बार वाला इश्क फिर से क्यों नहीं हो पाता।
वो पहली बार वाला इश्क फिर से क्यों नहीं हो पाता
 
कोई अनजाना सा चेहरा दिल को फिर से क्यों नहीं लुभाता,
कोई अजनबी इस दिल में फिर से क्यों नहीं ठहर पाता।
कोई हमसफ़र चाहकर भी साथ फिर से क्यों नहीं चल पाता,
वो पहली बार वाला इश्क फिर से क्यों नहीं हो पाता।
वो पहली बार वाला इश्क फिर से क्यों नहीं हो पाता।