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कविता: मिलकर चलो तो ही हर जीत समझो पक्की है [सुरेश कुमार कपूर (एस● के● कपूर "श्री हंस"), स्टेडियम रोड, बरेली, उत्तर प्रदेश]

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के
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गैरों का क्या  आज  अपनों
का भी  जिक्र   नहीं  करते।
यूँ बदला है माहौल किअब
किसी की फिक्र नहीं करते।।
आज स्वार्थ  सिद्धि  हो गई
बात  सबसे  ज्यादा जरूरी।
आज किसी और  का  क्या
खुद पर भी फ़ख्र नहीं करते।।
 
बहुत जरूरी है जोड़ना  और
सबसे ही   जुड़   कर   रहना।
सुख दुःख में साथ देना  और
सवेंदनायों में बंध  कर बहना।।
एकाकीपन और  एकांत  का
अंतर तो  समझना है  जरूरी।
एक   और एक होते ग्यारह हैं
जरूरी बात मिल  कर कहना।।
 
भूल गए हैं लोग कि   जरूरी है
मिल कर चलना आगे    बढ़ना।
नये नये    कीर्तिमान   स्थापित  
हमें    हैं मिल    कर ही  करना।।
सहयोग सामंजस्य का ही    तो
दूसरा नाम    अपना जीवन  है।
यदि चाहते हो जीत  पक्की  तो
हर मुश्किल पर मिलकर चढ़ना।।