पश्चिम
बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से
प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके
सामने प्रस्तुत है रचनाकार कमला सिंह की एक कविता जिसका
शीर्षक है “तेरी याद”:
सर्द चाँदनी रातों की खामोश फिज़ाएँ ,
तुम्हारी यादों की मखमली अहसास कराती है |
दिल चाहता है तुमसे वह हर जज्बात कहना ,
जो अबतलक जुबाँ पर अटकी हुई सी है |
जब - जब तुमसे मिलती थी ,
तुम्हें अपलक देखती रहना चाहती थी
और जब तुम मुझे देखते हुए देख लेते तो ,
आँखें झुका शर्मा- सी जाती थी |
ना जाने तुम्हारी उस निर्निमेंष
आँखों में क्या रहस्य था
जो मुझे तब तक देखती रहती थी ,
जब तक तुम्हारा ख्याल दिल से जाता नहीं था |
वो खामोशियों को चीरती हुई बातें ,
तेरी बातों में गुम होती मेरी अविरल साँसे |
वह अधूरी - सी मुलाकातें और
मुलाकातों में बारिश में भींगती- सी तेरी यादें |
भींनी खुशबू से मुझे महका जाती है |
एक अनकहीं अनसुनी-सी दास्तान कह जाती है ,
जिसकी यादों में मैं अक्सर भींग जाया करती हूँ .....