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कविता: एहसास (पूजा रॉय, जलपाईगुड़ी, पश्चिम बंगाल)

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के
 "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंससे प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिकाके वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार पूजा रॉय, जलपाईगुड़ी, पश्चिम बंगाल की एक कविता  जिसका शीर्षक है “एहसास”:

मैं लोगों से मुलाकात के
लम्हे याद रखती हूँ ।
मैं बाते भूल भी जाऊ
तो लहजे याद रखती हूँ ।
मैं यू तो तुमसे
हर बात कहना चाहती हूँ ।
पर जो तुमसे कहना हो
वो पन्नों पर लिखती हूँ ।
जरुरी नहीं हर रिश्ता
बेवफ़ाई पर खत्म हो ।
कुछ रिश्तो में समझदारी
का भी एहसास रखती हूँ ।
मैं यू तो तुमसे जुदा
होना नहीं चाहता ।
पर तुम्हारे चाहत और मर्जी
का भी एहतियात रखती हूँ ।
मैं लोगों से मुलाकात के
लम्हे याद रखती हूँ ।
मैं बाते भूल भी जाऊ
तो लहजे याद रखती हूँ ।