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कविता: पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया (राजीव रंजन, गया, बिहार)

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के
 "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंससे प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिकाके वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार राजीव रंजन की एक कविता  जिसका शीर्षक है “पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया”:

शिक्षा प्रगति का हथियार,
शिक्षा से आता संस्कार,
शिक्षा सिखलाता व्यवहार,
रहो तुम पढ़ने को तैयार,क्यूँकी?
पढ़ेंगे बच्चे सब पढ़ेगा इंडिया ।
पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया
पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया
 
पड़ी है कोरोना की मार,
मानव गया प्रकृति से हार,
स्कूल, काॅलेज बंद बाजार,
पर पढ़ना तो है न यार, तो ?
ई-लर्निंग से पढ़ेगा इंडिया ।
पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया
पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया
 
बेटा - बेटी एक समान,
दो बिटिया को भी मान,
भरने दो हौसलों की उड़ान,
बढ़ायेगी वो देश की शान, तभी तो !
सफलता की सीढ़ी चढ़ेगा इंडिया ।
पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया
पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया
 
अपने अधिकारों का ज्ञान,
अपने कर्तव्यों का भान,
शिक्षा से अपनी पहचान,
शिक्षा से व्यक्ति बनता महान,
पढ़कर ही जाती, धर्म से लड़ेगा इंडिया।
पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया
पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया