पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद
पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल
फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत
है। आज
आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार पृथ्वी राज कुम्हार की एक कविता जिसका
शीर्षक है “राम”:
मर्यादा में रहने वाले
ऐसे अब राम कहां?
ऐसे अब राम कहां ??
ऐसे अब राम कहां??
ऐसे अब राम कहां???
ऐसे अब राम कहां???
ऐसे अब राम कहां??
ऐसे अब राम कहां??
ऐसे अब राम कहां??
ऐसे अब राम कहां??
ऐसे अब राम कहां??