पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद
पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
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है। आज
आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार गीता परिहार की एक कविता जिसका शीर्षक है “कशमकश”:
परेशानियाँ
खुद चली जायेंगी
गर दामन
में उम्मीद, जज़्बात
ये नाम न
हों
घाव टीसेंगे नहीं
मरहम जो न हो।।
आग बुझेगी कैसे?
घर का चिराग
ही जब घर जलाने वाला हो
किस्मत के हैं खेल
निराले
बघनखे लगाए मिलते गले
ढूंढती रही जिंदगी
अपनों का प्यार
हासिल हुए छलावे
जड़ संवेदनाएं।।