पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार नितिन त्रिगुणायत 'वरी' के घनाक्षरी छंद:
राम नाम जाप कर,दुख होंगे तेरे दूर,
सभी नर नारियों
से,कहना हमारा है!
राम नाम हमें
प्रिय,जपते हैं दिन रात,
राम की दया से अब, अपना गुजारा है!
भजे जो भी राम
नाम, और करें नेक काम,
बड़े बड़े दुखों
से भी,रहता किनारा है!
त्याग कर बुरे
काम, जपना है राम नाम,
कलयुग में तो बस, नाम ही अधारा है!