पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार डॉ• राजेन्द्र मिलन की एक बाल कविता जिसका शीर्षक है “मेरे नन्हे मित्र तुम”:
मेरे नन्हे मित्र
तुम/ युग के मानचित्र तुम
भव्यता के भाल
तुम/ भविष्य की मशाल तुम
चरित तेरा विशाल
हो/ भरत तेरी मिसाल हो
शास्त्री-सुभाष
के/ चलो दिखाए रास्ते
गीत रचो शौर्य
के/ चन्द्रगुप्त मौर्य के
बनो ठनो अशोक
तुम/ दूर करो शोक तुम
चलो पवन की चाल
से/ बढे़ चलो भूचाल से
कंठ में हो
भैरवी/ थकें कभी न पैर भी
हो तिरंगा हाथ
में/ धैर्य शक्ति साथ में
उठो सुबह के गान
तुम/ बजो तुरही समान तुम
अणु बमों से तीर
से/ बढो़ कि शूरवीर से
जय निशान गाड़ते/ शत्रु को पछाड़ते
जियो वतन के
वास्ते/ मरो वतन के वास्ते
डरो नहीं बमों से
तुम/ झुको नहीं ग़मों से तुम
सामने आदर्श हो/ उल्लास तेज़ दर्प हो
अजेय बाल भारती/ बालकृष्ण सारथी
मां तुम्हें
दुलारती/ आरती उतारती
शौर्य के विकल्प
तुम/ सर्वश्रेष्ठ गल्प तुम