पश्चिम
बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से
प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके
सामने प्रस्तुत है रचनाकार आदिवासी सुरेश मीणा की एक कविता जिसका
शीर्षक है “सर्दियों का मौसम आया”:
दिन को छोटा रातें लम्बी ले आया
ओसकी बूंदो से फिज़ाओ को महकाया
आओं मीलकर जुमो सर्दीयों मौसम आया।
अपनी गुलाबी ठंड से पूरे शहर पर छाया
आओं मिलकर जुमो सर्दियों का मौसम आया।
इस ठंडमें दिल नहीं करता कही बहार जानें का
आओ मिलकर जुमो सर्दियों का मौसम आया।
इतनी ठंड में बच्चे कहने लगे हमें स्कूल नही जाना
आओ मिलकर जुमो सर्दियों का मौसम आया।
धूप की अकड़ तोड़ दे ऐसी लहर ठंड की लाया
आओ मिलकर जुमो सर्दियों का मौसम आया।
इस बर्फिले मौसम में सबके हाल बेहाल हो गये
आओ मिलकर जुमो सर्दियों का मौसम आया।
कड़कती ठंड में दाँतोको नृत्य करवाते हुए लाया
आओ मिलकर जुमो सर्दियों का मौसम आया।