पश्चिम
बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से
प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके
सामने प्रस्तुत है रचनाकार पार्वती कानू की एक कविता जिसका
शीर्षक है “आजकल की लड़कियाँ”:
आजकल की लड़कियाँ पढना चाहती हैं,,
लोग क्या कहेंगे इसको भूल आगे बढना चाहती हैं,
कहीं शोषित होती हैं, कहीं जला दी जाती हैं, कहीं दबा दी जाती हैं।
फिर भी हर दद॔ को सहन कर आगे बढना चाहती हैं,
आजकल की लड़कियाँ।।
कभी कोमल हाथो से अपना रूप संवारती थी,
कभी पैरो में पायल पहनती थी,
आजकल की लड़कियाँ।।
कभी साँवली होने पर घबराती थी,
फूटबाँल, कुश्ती, टेनिस, हॉकी,
आजकल की लड़कियाँ।।
अपनी काबिलियत से अपना वजूद बनाना चाहती हैं,
आजकल की लड़कियाँ।।