पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार विक्की चंदेल “चंदेल साहिब” का एक गीत जिसका शीर्षक है “गोविंद कृष्ण मुरारी”:
गोविंद कृष्ण मुरारी,
चरणों का मैं पुजारी.
पूजा करूँगा तेरी,
विनती करूँगा तेरी.
मैंने सुना है रामयुग में,
तूने सबरी तारी-२.
तेरी राह को तकते-२,
बीती उम्र है सारी.
धन्य है भीलनी प्यारी,
पूजा करी पुकारी.
गोविंद कृष्ण मुरारी,
चरणों का मैं पुजारी।
मैंने सुना है कृष्ण युग में,
तूने कुब्जा तारी-२.
सुंदरी-२ कहकर काया,
सुंदर ही कर डाली.
धन्य है कुब्जा प्यारी,
श्रृंगार करी बनवारी.
गोविंद कृष्ण मुरारी,
चरणों का मैं पुजारी।