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कविता: फेसबुकिया इश्क़


फेसबुकिया इश्क़

तेरी PROFILE की रंगीन मस्तियां ...

तेरी DISPLAY PICTURE की बेपरवाह गुस्ताखियां ...

तेरी COVER की लहराती अंगड़ाइयां ...

नहीं भूलूंगा मैं ...

जब तक है जान ...

जब तक है जान ...

तेरा FRIEND LIST से यू REMOVE करना ...

तेरे MUTUAL FRIENDS का रुख मोड़ना ...

तेरा पलट के फिर REQUEST ना भेजना ...

नहीं माफ करूंगा मैं ...

जब तक है जान ...

जब तक है जान ...

INBOX में तेरे बेधड़क MESSAGE करने से ...

बात बात पेे बेवजह तेरे OFFLINE होने से ...

छोटे-छोटे तेरे REPLIES से ...

मोहब्बत करूंगा मैंं ...

जब तक है जान ...

जब तक है जान ...

तेरे झूठे RELATIONSHIP STATUS से ...

तेरे जलते सुलगते QUOTES से ...

तेरे बेरहम UPDATES से ...

नफ़रत करूंगा मैं ...

जब तक है जान ...

जब तक है जान ...

Thank You for Reading